कच्चे चोरों की ढेरियों में पुराना माल होता है मगर सफेदपोश की ढेरियों में यकीनन बढिया माल होता है।
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रामजनमजी जिस दिशा में बढ़ रहे थे अचानक से उधर से आवाज़ आने लगी, ‘आइए, आइए न सर, बढिया माल है इधर, एकदम दिल ख़ुश हो जाएगा'.
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मेने एक सफेदपोश चोर से पूछा-चोर जी, (आजकल चोरों को भी अदब से बोलना पड़ता है वरना अपने लम्बे हाथों से मुसीबत खड़ी कर देते हैं) आप बढिया माल सस्ते में क्यों बेच देते हैं?
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रवी जी आप के लेख से हमारा ज्ञानोदय हो गया है हम तो सिर्फ़ मनुष्य वसा से बने डीजल से गाडि चलायेगे, बस उसी पर कोई ध्यान नही देगा, लेकिन आप कौन से डिजल से चल रहे है जरुर बताईये यहा कई दिनो मे एक पोस्ट का अकाल रहता है और आप चार चार बढिया माल छाप देते है